अर्णव मिश्रा: UPSC में एयर 56 प्राप्त करने वाले IIT ग्रेजुएट की कहानी
UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, और इसे पास करने वालों की कहानियां हमेशा ही हमें प्रेरित करती हैं। इस समय, 2023 में UPSC Mains परीक्षा के कदम बढ़ते हुए, पिछले साल के सफल उम्मीदवारों की सफलता की कहानियां वायरल हो रही हैं, जो इस साल प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच, अर्णव मिश्रा की कहानी, एक IIT ग्रेजुएट जिन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR)-56 प्राप्त किया, हमें प्रेरित करने वाली है। आइए, हम जानते हैं, अर्णव मिश्रा कौन हैं और उन्होंने कैसे इस महत्वपूर्ण परीक्षा की तैयारी की।
अर्णव का परिचय
अर्णव, जो उत्तर प्रदेश के रायबरेली क्षेत्र से है, वहां के बेसिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद, उन्होंने IIT-JEE की तैयारी की और उसमें सफलता प्राप्त की। यही उनके प्रतिस्थानिक परीक्षाओं के लिए सफल यात्रा की शुरुआत थी। उन्होंने अपनी चार वर्षीय B.Tech. की डिग्री IIT जोधपुर से प्राप्त की और फिर लगभग एक वर्ष बैंगलोर में काम किया। हालांकि, उन्होंने जल्द ही अपनी नौकरी छोड़ दी और UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने लगे।


सफलता की कहानी
अर्णव मिश्रा की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता का सबसे महत्वपूर्ण कारक उम्मीद और मेहनत होती है। उन्होंने अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते हुए कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपनों को पूरा किया।
अर्णव की कहानी और उनकी सफलता हमें यह सिखाती है कि यदि हम अपने मानसिकता को सकारात्मक बनाएं और मेहनत से अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ें, तो हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। अर्णव ने अपनी बड़ी बहन आरुषि से प्रेरणा ली और उनके माता-पिता और परिवार के समर्थन का सहारा लिया। उन्होंने अपने शिक्षकों की मदद से और बड़ी बहन और ब्रदर-इन-लॉ के मार्गदर्शन से अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिन मेहनत की और इसका फलस्वरूप, वे UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सफल हुए।
समापन
अर्णव मिश्रा की कहानी हमें यह सिखाती है कि चाहे आप कितने भी कठिनाइयों का सामना कर रहे हों, यदि आप मेहनत और प्रतिबद्ध भाव से किसी भी लक्ष्य की ओर बढ़ें, तो सफलता आपके कदमों में होगी। अर्णव मिश्रा को उनकी सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ और भविष्य के लिए बेहद शुभकामनाएँ!
अर्णव मिश्रा: UPSC में एयर 56 प्राप्त करने वाले IIT ग्रेजुएट की कहानी